ऑपरेशन ग्रीन्स योजना (Operation Greens Scheme) से जुड़ी ज़रूरी बातें-
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यह आर्टिकल (Article) देश में टमाटर, प्याज, और आलू की फसलों की आपूर्ति को स्थिर करने के उद्देश्य से 2018-2019 के संघ बजट में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई थी | इससे जुडी सभी ज़रूरी बाते इस आर्टिकल में हम करेंगे-
ऑपरेशन ग्रीन्स योजना की पृष्ठभूमि (Background of Operation Greens)-
500 करोड़ के परिव्यय (Outlay) के साथ, केंद्रीय बजट (Union Budget) 2018-2019 में भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण (Processing Industries) उद्योग मंत्रालय द्वारा एक नई योजना ऑपरेशन ग्रीन्स योजना (Operation Greens Scheme) की घोषणा की गई थी| इसका उद्देश्य एफपीओ (FPOs) को बढ़ावा देना है जैसे- किसान उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organizations), प्रसंस्करण सुविधाएं (Processing Facilities), कृषि-रसद (Agro-Logistics), और कृषि उपज का व्यावसायिक प्रबंधन (Commercial Management of Agricultural Produce) |
ऑपरेशन ग्रीन्स योजना क्या है (What is Operation Greens Scheme)-
ऑपरेशन ग्रीन्स योजना (Operation Greens Yojna) किसानों की उपज (Produce) के सही दाम तय करने की एक योजना है | इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनके द्वारा बनाए गए संसाधन का सही मूल्य दिया जाए |
ऑपरेशन ग्रीन्स योजना (Operation Greens Yojna) सरकार के माध्यम से किसान उत्पादक संगठनों (Farmer Producer Organizations), राज्य कृषि (Atate Agricultural) और अन्य विपणन संघों (Other Marketing Associations), सहकारी समितियों (Cooperatives), कंपनियों (Companies), खाद्य प्रोसेसर (Food Processors), स्वयं सहायता समूहों, आदि को वित्तीय सहायता (Financial Assistance) प्रदान करने की योजना है |
ऑपरेशन ग्रीन्स के उद्देश्य (Objectives of Operation Greens)-
⇛ शीर्ष समूहों के उत्पादन (Production of top groups) और दोहरी उपयोग किस्मों (Dual use varieties) की शुरूआत में उचित योजना द्वारा उपभोक्ताओं और उत्पादकों के लिए कीमतों का स्थिरीकरण (Stabilization) |
⇛ एफपीओ (FPO) और टीओपी (TOP) उत्पादन समूहों को मजबूत करने और उन्हें बाजार से जोड़ने के लिए लक्षित हस्तक्षेपों (Targeted interventions) द्वारा टीओपी किसानों (TOP farmers) के मूल्य वसूली में सुधार करना |
⇛ फ़ार्म गेट के बुनियादी ढांचे (Farm gate infrastructure), उचित भंडारण क्षमता (Proper storage capacity), उपयुक्त कृषि-लॉजिस्टिक्स विकसित करने (Developing appropriate agro-logistics) और उपभोग केंद्रों (Consumption centers) को जोड़कर फसल के नुकसान के बाद कम करना |
⇛ खाद्य प्रसंस्करण क्षमताओं (Food processing capabilities) में वृद्धि और उत्पादन समूहों के साथ फर्म लिंकेज (Firm linkage) के साथ शीर्ष मूल्य श्रृंखला में मूल्यवर्धन (Value addition) |
⇛ TOP फसलों की कीमत पर वास्तविक समय डेटा एकत्र करने के लिए एक बाजार खुफिया नेटवर्क की स्थापना |
ऑपरेशन ग्रीन्स की आवश्यकता (The need for Operation Greens)-
⇛ ऑपरेशन ग्रीन्स योजना (Operation Greens scheme) के पीछे का विचार 2022 के अंत तक किसानों की आय को दोगुना करना है | इसे ऑपरेशन फ्लड (Operation Flood) की तर्ज पर लॉन्च किया गया है और सब्जियों और फलों में दूध की सफलता को दोहराने का प्रयास किया गया है |
⇛ जब सब्जी की वस्तुओं का उत्पादन तेजी से बढ़ता है तो कीमतें गिर जाती हैं क्योंकि पर्याप्त आधुनिक भंडारण क्षमता नहीं होती है | इसलिए योजना, भंडारण क्षमता की समस्या को हल करना चाहती है |
⇛ किसान (Farmers) अक्सर 1/4 से कम प्राप्त करते हैं जो उपभोक्ता (Consumers) उत्पादन (Production) के लिए भुगतान (pay) करते हैं | ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत में प्रसंस्करण (Processing) और संगठित खुदरा बिक्री (Organized Retailing) के बीच संबंध कमजोर और छोटे हैं |
⇛ योजना ऑपरेशन ग्रीन्स योजना (Operation Greens Yojna) बुनियादी समस्याओं के लिए इन समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करेगा न कि कृषि में अतिरिक्त वस्तुओं पर |
ऑपरेशन ग्रीन्स योजना की रणनीतियाँ (Strategies of Operation Greens Scheme)-
ऑपरेशन ग्रीन्स योजना (Operation Greens Yojna) की दो तरफा रणनीति है-
1. अल्पावधि मूल्य स्थिरीकरण उपाय (Short term Price Stabilisation Measures)-
⇛ टीओपी फसलों (TOP Crops) के लिए उचित भंडारण सुविधाओं (Proper Storage Facilities) की भर्ती |
⇛ मूल्य स्थिरीकरण (Price Stabilization) को लागू करने के लिए NAFED नोडल एजेंसी होगी | NAFED का मतलब नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India) है |
⇛ खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय उत्पादन (Ministry of Food Processing Industries) से भंडारण तक टॉप क्रॉप के परिवहन (Top Crops from Production) पर 50% अनुदान प्रदान करेगा |
2. लंबी अवधि के एकीकृत मूल्य श्रृंखला विकास परियोजनाएं (Long Term Integrated value chain development projects)-
⇛ कृषि रसद (Agri-Logistics) |
⇛ एफपीओ और उनके कंसोर्टियम की क्षमता का निर्माण (Building the capacity of FPOs & their consortium) |
⇛ उत्पादन की गुणवत्ता (Quality of production) |
⇛ प्रसंस्करण सुविधाएं जैसे फसल का विपणन और उपभोग बिंदुओं को जोड़ना (Processing facilities Post-harvest such as marketing and linking the consumption Points) |
⇛ टॉप क्रॉप्स की मांग और आपूर्ति के प्रबंधन के लिए ई-प्लेटफॉर्म का निर्माण और प्रबंधन (Creation and Management of e-platform for the management of demand and supply of TOP Crops) |
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